Showing 1 Result(s)
Features

वे अपनी आंखों में समानता स्वतंत्रता का नीला सपना लिए चले थे

anita bharti

  अनिता भारती (Anita Bharti) ओम प्रकाश वाल्मीकि जी को याद करते हुए हमने अपनी समूची घृणा को/ पारदर्शी पत्‍तों में लपेटकर/ ठूँठे वृक्ष की नंगी टहनियों पर टाँग दिया है/ताकि आने वाले समय में/ ताज़े लहू से महकती सड़कों पर/ नंगे पाँव दौड़ते सख़्त चेहरों वाले साँवले बच्‍चे/ देख सकें कर सकें प्‍यार/दुश्‍मनों के बच्‍चों में/ अतीत …