संजय जोठे (Sanjay Jothe) सनातनी षड्यंत्रकार जब अध्यात्म और धर्म की व्याख्या करते हैं तब वे चर्चा और प्रचार के लिए अपने पवित्र पुरुषों को नहीं चुनते। वे उन्हें तहखानों में सुरक्षित रखते हैं। धर्म प्रचार शास्त्रार्थ आदि के लिए वे आदि शंकर या तुलसीदास को नहीं चुनते बल्कि वे बुद्ध, गोरख, रविदास और …
विदेशों में बुद्ध और कबीर क्यों, राम और तुलसी क्यों नहीं?
